शंकर मिश्र
शंकर मिश्र भारत के एक प्रसिद्ध दार्शनिक थे। शंकर मिश्र द्वारा विरचित श्लोक "रसार्णव" नाम से प्रसिद्ध है। उनके पिता भवनाथ मिश्र अयाची भी प्रसिद्ध दार्शनिक थे। वैशेषिक सूत्रोपस्कार शंकर द्वारा रचित प्रसिद्ध ग्रन्थ है।
बालोऽहं जगदानन्द न मे बाला सरस्वती।
अपूर्णे पंचमे वर्षे वर्णयामि जगत्त्रयम् ॥
चलितश्चकितच्च्हन्नः प्रयाणे तव भूपते।
सहस्रशीर्षा पुरुषः सहस्त्राक्षः सहस्रपात् ॥