सैलाबे-बला में
सैलाबे-बला में काम जो आए, वो खुदा-परस्ती इन्सां है । सादीक आसना है सबका, अन्दोह, रूबा वो इन्सां है ।।
है अजीज गाहे अनाम है, और इमान के पक्के हैं । हर वक्त मदद का लिए मुरादा, यही एक ही मनसा है ।। सादीक ।।
अदावत करने वाले का भी वो. हिफाजत करते रहते हैं । उसे इखलाश देते हैं, कोई माजूर जो इन्सां है ।। सादीक ।।
लाइके-ताजीर का तकदीर, अमल से जो बदल डाले । तजल्ली मानने वाले, वाइज है वो इन्सां है ।। सादीक ।।